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Aaj Ka Panchang 14 August 2025: अरे बहन! आज का पंचांग देखा क्या? हल षष्ठी पर बन रहे हैं कई शुभ मुहूर्त और योग

14 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग और शुभ-अशुभ मुहूर्त
आज हल षष्ठी, गुरुवार व्रत और भगवान विष्णु की विशेष पूजा
पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह से रात तक रवि योग का संयोग


आज का पंचांग, 14 अगस्त 2025, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के साथ शुरू हो रहा है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि आज हल षष्ठी व्रत, गुरुवार व्रत और विष्णु पूजा का शुभ संयोग बना है। माताएं आज हल षष्ठी का व्रत रखकर अपनी संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस व्रत में हल से जोते गए अन्न, फल, सब्जी का सेवन वर्जित होता है और गाय के दूध, दही, घी का भी परहेज किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन बलराम जी का जन्म हुआ था।

आज गुरुवार व्रत में देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भक्त पीले फूल, हल्दी, चंदन, तुलसी पत्र, पंचामृत, गुड़ और चने अर्पित करते हैं। व्रत कथा सुनने के बाद ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप विशेष फलदायी माना जाता है। हल्दी, बेसन, पीले वस्त्र और धार्मिक पुस्तक का दान करने से गुरु दोष का निवारण होता है।

पंचांग के अनुसार आज रेवती नक्षत्र प्रातः 09:06 बजे तक रहेगा, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ होगा। आज का योग शूल योग दोपहर 01:12 बजे तक रहेगा, फिर गण्ड योग शुरू होगा। चंद्रमा मीन राशि में सुबह 09:06 बजे तक रहेगा, फिर मेष राशि में प्रवेश करेगा।

आज का दिन खास है क्योंकि पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है, जिसमें किए गए कार्य सफल होते हैं। रवि योग सुबह 09:06 बजे से अगले दिन सुबह 05:50 बजे तक रहेगा। रोग पंचक का प्रभाव सुबह 05:50 बजे से 09:06 बजे तक ही रहेगा।

शुभ मुहूर्त में ब्रह्म मुहूर्त 04:23 से 05:07 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त 11:59 से 12:52 बजे तक और विजय मुहूर्त 02:37 से 03:30 बजे तक रहेगा। दिन के चौघड़िया में शुभ, चर, लाभ और अमृत के समय कई बार बनेंगे, जबकि अशुभ समय में राहुकाल 02:04 से 03:43 बजे तक, यमगण्ड 05:50 से 07:29 बजे तक और गुलिक काल 09:08 से 10:47 बजे तक रहेगा। आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहेगा।

आज का सूर्योदय 05:50 एएम और सूर्यास्त 07:01 पीएम पर होगा। चंद्रोदय 10:07 पीएम और चंद्रास्त 10:47 एएम रहेगा। रात के समय भी कई शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे, जिनमें अमृत, चर और लाभ प्रमुख रहेंगे।

कुल मिलाकर, 14 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक आस्था, पूजा-पाठ और व्रत-उपवास के लिए अत्यंत उत्तम है। हल षष्ठी व्रत और गुरुवार व्रत का यह संयोग भक्तों को विशेष पुण्य प्रदान करेगा।